रिस्क नहीं लेना चाहते प्रवासी मजदूर

 नैनों में था रास्ता, हृदय में था गांव,

हुई न पूरी यात्रा, छलनी हो गए पांव।

पिछले साल ये पंक्तियां प्रवासी मजदूरों के लिए इस्तेमाल की गई थी और इस बार फिर ये इस्तेमाल हो सकती हैं, क्योंकि कोरोना संकट को लेकर जो हालात बने हैं उसने सबसे बड़ा हमला मजदूरों पर किया है। पिछले साल की तरह इस साल फिर मजदूर अपने घर जाने को मजबूर हो गए हैं। पिछले कोरोना संकट की वजह से लगे लॉक डाउन की वजह से यह मजदूर अपने घरों को पहुंचे थे और अभी तीन चार महीने पहले ही वापस काम की तलाश में लौटे। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर इन पर फिर कहर बनकर टूट पड़ी है। प्रवासी मजदूरों को फिर से अपने घरों की ओर जाना पड़ रहा है। इंदौर बाईपास पर जिस तरह महाराष्ट्र से गाड़ियां आ रही है और बिहार-उत्तरप्रदेश की तरफ जा रही है, उसने पिछले साल की याद ताजा कर दी। प्रवासी मजदूरों की आंखों में वही दर्द एक बार फिर देखा जा सकता है जिस को दोबारा देखने की उम्मीद हम में से किसी ने नहीं की थी।



देश में कोरोना वायरस के मामलों में ज़बरदस्त तेज़ी के बाद सरकारें हरकत में आई हैं. दिल्ली से लेकर मुंबई, लखनऊ से लेकर भोपाल तक पाबंदियां लगा दी गई हैं. देश में करीब एक दर्जन राज्यों ने अपने यहां नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन जैसी पाबंदी लगा दी है. वहीं इंदौर में 2 दिन के लॉक डाउन को बढ़ाकर 19 अप्रैल तक कर दिया गया। इधर महाराष्ट्र में 8 दिन का फुल लॉक डाउन लगाने की सरकार कल एलान कर सकती है। ऐसे में अब लॉकडाउन बढ़ने का खतरा बढ़ता देख प्रवासी मज़दूरों का पलायन फिर से शुरू हो गया है. बीते दिन दिल्ली, पुणे से तस्वीरें सामने आईं और अब मुंबई का भी यही हाल है. इंदौर बायपास पर महाराष्ट्र की रिक्शा और टैक्सी गुजरते हुए देखी जा सकती है।


मजदूरों का कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन की वजह से सब काम बंद हो गया था, घर जाना भी मुश्किल था इसलिए इस बार हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. आपको बता दें कि कोरोना वायरस के मामले तेज़ी से बढ़ने के कारण कई राज्यों ने अपने यहां नाइट कर्फ्यू या वीकेंड लॉकडाउन लगाया है. मध्यप्रदेश के कई शहरों में कुछ छूट के साथ लॉक डाउन लगाया गया , जो 19 अप्रैल तक जारी रहेगा। वहीं गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों ने पूरे राज्य या चिन्हित शहरों में इसे लागू किया है. वहीं महाराष्ट्र में 8 दिन का पूर्ण लॉक डाउन लगने की तैयारी है। ऐसे में हर तरफ यही सोच है कि हालात बेकाबू हुए तो क्या करेंगे। मुंबई से बिहार के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई है ताकि लोग जो जाना चाहते हैं जा सकें. बिहार में इन सबकी कोरोना टेस्ट कराई जाएगी और जरूरी क्वारनटीन भी कराया जाएगा.